Thursday, March 5, 2009

प्रभु जोशी - तुम चन्दन हम पानी

कलम पर पढ़ें

जाने माने चित्रकार और कथाकार प्रभु जोशी के काम और शख्सियत पर मेरी एक टिप्पणी -जो कल पत्रिका के इंदौर संस्करण में प्रकाशित हुई है


रंगों और शब्दों के बीच की आवाजाही का पड़ाव जयपुर

2 comments:

सचिन श्रीवास्तव said...

परसों पेज छोडते समय ही पूरा पढ गए थे... प्रभु के रंगों को खूब जुबान दी है. बधाई

Anonymous said...

मध्य प्रदेश के लेखक चित्रकार पर क्या नर्मदा की सी बहती हुई भाषा में लिखा है आपने! कभी सीखा दें ऐसी भाषा हमें भी , कहाँ से सीखी है दुष्यंत जी !