चल तो पड़े हो राह को हमवार देखकर !!!
आज ऑफिस के लिए आते वक्त एक हादसा पेश आया ,घर से लगभग १२ किलोमीटर की यात्रा करके ऑफिस पहुँचना रोजाना का काम है, ये यात्रा मेरे लिए हमेशा ख़ास होती है,कितने ही ख्यालों और अनुभूतियों की मोबाईल गवाह। आज जब गोपालपुरा फ्लाई ओवर के ग्रीन लाईट पार कर रहा था, विपरीत दिशा से आती एक सेंट्रो में सवार कन्या को रेड लाईट पार करते हुए पकड़ लिया गया ,आपको लगेगा ये तो होना ही चाहिए इसमें कोनसी बड़ी बात है, जी ,है बिल्कुल है ,मैं यहाँ लिंग असमानता की बात कर रहा हूँ, लडकियां और महिलायें खुश न हों,लिंग समानता की बात का केवल एक ही अर्थ महिलाओं के हक में बात करना नहीं हों सकता ।
ये इत्तेफाक भी हों सकता है पर जैसे कई अपवाद मिलकर नियम बन जाते हैं वैसे ये इत्तेफाक भर नहीं है ,कि आज तक मेरे सामने किसी लडकी या महिला का चालान नहीं हुआ ,उन्हें महिला होने का अलिखित फायदा मिल जाता है, दोपहिया वाहन पर तीन लडकियां हों या बिना हेलमेट कोई युवती दौड़ी चली जा रही हो, इन स्वीट बिल्लियों को देखकर ट्रेफिक वालों को कबूतर बनते देखा है,क्या मजाल कि कोई लड़का या पुरूष उनकी नज़रों से बच जाए, उसे अपनी दोपहिया दौडाकर अगली लाईट पर पकड़ने से भी नहीं चूकेंगे॥
मित्रो ये लिंग असमानता आप बहुत जगहों पर मुख्तलिफ फॉर्म में देखेंगे ,पढाने के पेशे में रहा हूँ और अब पत्रकारिता में हूँ ,महसूस किया,सुना है कि डांट का लहजा भी अगर बौस की बात करें तो अलग मिलेगा , सॉफ्ट कॉर्नर कई बार सिर्फ़ कोर्नर ना होकर कमरा हो जाता है.. मसलन बौस अगर एक ही तरह की गलती के लिए डाट ता है तो पुरूष के लिए शब्द कुछ ऐसे होंगे -' ऐ मिस्टर काम करना है तो ढंग से करो ,मेरे सामने ऐसा नहीं चलेगा,ये भूल नहीं ब्लंडर है,कम्पनी ऐसे लोगों को फायर करते देर नहीं लगाती ' और सामने मोहतरमा हों तो -'मेडम ज़रा देख लेते , आप जानती हैं , ऐसे तो मुश्किल हो जायेगी कम्पनी को,मेडम कम्पनी को आपकी जरूरत है, आप बहुत प्रतिभाशाली हैं ,ऐसी भूल आपसे फ़िर कैसे हो जाती है, मेडम थोडा ख्याल रखें' लिहाजा आज ट्रेफिक वाले सज्जन का उन भोली सूरत वाली गोगल में अपनी आँखें छुपाये और चौपहिया में अपने हाथों को प्रदूषण से बचाने को गलव्ज से ढकने वाली कन्या को रोका जाना प्यारा लगा ,छद्म इच्छा मान लें पर ऐसा है तो है ,अगर उसके बाद उसे मुस्कराहट और मीठी मनुहार के बाद बिना चालान के छोड़ दिया गया हो तो भी ..जिसकी बहुत संभावना है ,
आपसे अनुरोध इस लिंग विभेद पर भी नज़र डालें, सोचें...